विभाग के बारे में

मद्यनिषेध विभाग

प्रदेश के विभिन्न जनपदों के स्कूल, कालेजों में मद्यनिषेध के पक्ष में छात्र/छात्राओं के मध्य निबन्ध, भाषण, पोस्टर, सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं स्वस्थ मनोरंजन व प्रतियोगितायें आयोजित कर उन्हें पुरस्कृत कर प्रोत्साहन स्वरूप प्रमाण-पत्र भी प्रदान किये गये। शिक्षण संस्थाओं में खेलकूद की प्रतियोगिताओं का आयोजन कर विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किये जाते है । ग्रामीण अंचलों में विशेषकर युवाओं को मद्यपान से विरत एवं सावधान रहने हेतु वैकल्पिक मनोरंजन एवं स्वच्छ विधाओं की ओर प्रेरित करने हेतु कबड्डी, दौड़, कुश्ती आदि खेलकूद प्रतियोगितायें आयोजित कर विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र भी प्रदान किये जाते है ।

विभाग द्वारा मद्यनिषेध के पक्ष में प्रयोजनपूर्ण प्रयोग एवं उपयोग कर प्रदेश में लोकपक्ष के सहयोग से विशेषकर युवावर्ग के साथ-साथ सर्वसाधारण में मद्यपान के दुष्परिणामों को विभिन्न शिक्षात्मक विधाओं एवं कार्यक्रमों के द्वारा जनता को मद्यपान के विरूद्ध सावधान व जागरूक किया गया। मद्यनिषेध विभाग का उद्देश्य मद्यपान के दुरूपयोगों एवं उनके दुष्परिणामों से सर्वसाधारण के बचाव हेतु सार्वजनिक सहयोग से सतत प्रयास करते रहना है ताकि मद्यपान के विरूद्ध जनता में प्रबल वातावरण प्रभावी रूप से बना रहें। मद्यपान के विरूद्ध जन संचेतना जागृत करते रहना ही इस विभाग का मुख्य कार्य हैं। अतएव मद्यनिषेध विभाग के शिक्षात्मक कार्यों को जनता के सहयोग से ही जनता में आवृत्ति के सिद्धान्त के अनुसार अधिक से अधिक व्यापक एवं प्रभावी बनाने और इस पर सर्वदा बल देते रहने की ओर विभाग द्वारा विशेष महत्व दिया गया है।

मद्यनिषेध विभाग द्वारा केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के अन्य मासमीडिया प्रभागों, स्वैच्छिक समाज सेवी संस्थाओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से जो विभिन्न शिक्षात्मक कार्य सम्पन्न किये गये हैं, में से कतिपय ऐसीे विधायें एवं कार्यकलाप जो सर्व साधारण को मद्यपान के दुष्परिणामों के संबंध में शिक्षित करने के उद्देश्य से उल्लेखनीय रही हैं, वे निम्न प्रकार हैं:-

प्रचार शिविर, प्रदर्शन कक्ष, सम्मेलन, अभियान, पदयात्रा के संचालन द्वारा मद्य निषेध कार्य:

प्रदेश के विभिन्न जनपदों में विशेष रूप से मलिन बस्तियों, शिक्षण संस्थाओं, प्रमुख मेलों, उत्सवों, त्यौहारों, धार्मिक पीठों, विकास प्रदर्शनियों एवं राष्ट्रीय पर्वों के आयोजन स्थलों एवं कार्य क्षेत्रों में वर्ष भर सुलभ संसाधनों से मद्यनिषेध गोष्ठियों, प्रचार अभियान, प्रदर्शन कक्ष एवं पदयात्राओं, प्रभातफेरियों, रैली आदि का आयोजन कर लोगोंं को मद्यपान के विरूद्ध सावधान व जागरूक कर उन्हें नशा छोड़ने हेतु प्रेरित किया गया |

मलिन बस्तियों में मद्यपान विरोधी शिक्षात्मक कार्य:

प्रदेश की मलिन बस्तियों में विशेष कार्यक्रमों के माध्यम से मद्यनिषेध के शिक्षात्मक कार्यों का आयोजन किया गया। चलचित्र प्रदर्शन, प्रदर्शन कक्ष, बोर्ड्स, बैनर्स, सांस्कृतिक कार्यक्रमों इत्यादि के माध्यम से मद्यपान के दुष्परिणामों को इन क्षेत्रों में प्रचारित एवं प्रसारित कर लोगोंं को मद्यपान से सावधान किया गया तथा मद्यपान से होने वाली हानियों से भी अवगत कराया गया|

गैर सरकारी स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से मद्यपान विरोधी कार्य:

गैर सरकारी संस्थाओं के अनुदान संबंधी प्रार्थना पत्रों को भारत सरकार से अनुदान दिलाने हेतु शासन को संस्तुति कर मद्यनिषेध विभाग द्वारा उपयुक्त संस्थाओं के प्रस्तावों को त्वरित परीक्षणोपरान्त अनुदान की स्वीकृति के लिये शासन को प्रस्तावित किया गया। स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से मद्यनिषेध कार्यों का प्रचार-प्रसार कराया गया। साथ ही मद्यपान के विरूद्ध शिक्षाप्रद कार्यों में मद्यनिषेध विभाग को संस्थाओं के साथ परस्पर समन्वय एवं सहयोग स्थापित होने के कारण उनका समुचित सहयोग भी विभाग को प्राप्त हुआ|

मद्यनिषेध कार्य

विभागीय उपलब्ध सचल इकाईयों का उपयोग कर डाक्यूमेन्ट्री व फिल्मों के माध्यम से जनमानस को मद्यपान की बुराईयों से अवगत कराकर मद्यपान त्याग करने के लिये प्रेरित किया गया। मद्यपान विरोधी फिल्मों का प्रदर्शन कर जनता के बीच जनसमवेत स्वरों में मद्यनिषेध स्लोगन यथा - मद्यपान जो करे किसान-सूख जाय खेत खलिहान, कठिन श्रम से जो भी कमाया-मद्यपान की लत में तुरन्त गवाया, मद्यपान निगल रहा है इस पीढ़ी को-बचाओ इसे और अगली पीढ़ी को, टूटे सपने टूटी आशा-मद्यपान से मिली निराशा, हमारा संकल्प पूर्ण मद्यनिषेध आदि का उद्घोष कर जनता को जागरूक किया गया। इसके अतिरिक्त सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, उ0प्र0 से अनुमोदित सांस्कृतिक दलों के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न अंचलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम नाटक प्रहसन, कठपुतली, कव्वाली, जादू इत्यादि मनोरंजक विधाओं का उपयोग करके विभिन्न ग्रामीण एवं शहरी अंचलों में यथासंभव सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन कर जनमत को मद्यपान के विरूद्ध प्रोत्साहित कर मद्यनिषेध का शिक्षात्मक प्रचार-प्रसार किया गया।
प्रदेश के विभिन्न जनपदों के स्कूल, कालेजों में मद्यनिषेध के पक्ष में छात्र/छात्राओं के मध्य निबन्ध, भाषण, पोस्टर, सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं स्वस्थ मनोरंजन व प्रतियोगितायें आयोजित कर उन्हें पुरस्कृत तथा प्रोत्साहन स्वरूप प्रमाण-पत्र भी प्रदान किये गये। शिक्षणसंस्थाओं में खेलकूद की प्रतियोगिताओं का आयोजन कर विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किये गये। इस प्रकार विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं युवकों को मदिरा के सेवन के विरूद्ध सावधान रहने हेतु नशा विरोधी शिक्षात्मक कार्यों में सक्रिय बनाये रखा गया है। ग्रामीण अंचलों में विशेषकर युवाओं को मद्यपान से विरत एवं सावधान रहने हेतु वैकल्पिक मनोरंजन एवं स्वच्छ विधाओं की ओर प्रेरित करने हेतु कबड्डी, दौड़, कुस्ती आदि खेलकूद प्रतियोगितायें आयोजित कर विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र भी प्रदान किये गये।
जिला मद्यनिषेध एवं समाजोत्थान समितियाँ एवं विभागीय बजट से शहरी एवं ग्रामीण अंचलों, राष्ट्रीय राजमार्गों, सार्वजनिक स्थानों व प्रमुख चैराहों पर मद्यपान के विरूद्ध प्रेरक, प्रभावी दृष्यों तथा उद्धरणों आदि सुवाक्यावलियों की वालपेन्टिंग्स करायी गयी। कतिपय स्थानों पर मद्यपान विरोधी आकर्षक चित्रों, डिजाइनों एवं टिप्पणियों से युक्त होर्डिंग्स लगाये गये।
विभिन्न समाचार पत्रों में लेखों का प्रकाशन व दूरदर्शन/एफ0एम0 के माध्यम से मद्यनिषेध संदेश/अपील का प्रसारण कर जनता को मद्यपान के दुरूपयोग से होने वाली हानियों के प्रति जागरूक किया गया।
मद्यपान से ग्रसित व्यसनियों को विभागीय कर्मचारियों द्वारा उपचार हेतु प्रेरित किया गया ताकि वे भारत सरकार से अनुदानित निर्व्यसन केन्द्रों में भर्ती होकर अपना निशुल्क इलाज करा सकें।
26 जून को प्रदेश के विभिन्न जनपदों में मद्यनिषेध प्रदर्शनी, संगोष्ठी, परिचर्चाओं व रैली का आयोजन कर मद्यपान के कुप्रभावों पर प्रकाश डाला गया। 26 जून 2016 को अन्तर्राष्ट्रीय मद्यपान विरोधी दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन राजकीय अभिलेखागार, महानगर, लखनऊ में किया गया। देवा मेला बाराबंकी, लखनऊ महोत्सव आदि में प्रदर्शन कक्ष का आयोजन किया गया। इसके अतिरिक्त विभिन्न अवसरों पर विशेष रूप से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों व शिक्षणसंस्थाओं में छात्र-छात्राओं के बीच मद्यनिषेध गोष्ठी का आयोजन किया गया।
गैर सरकारी संस्थाओं के अनुदान संबंधी प्रार्थना पत्रों को भारत सरकार से अनुदान दिलाने हेतु शासन को संस्तुति कर मद्यनिषेध विभाग द्वारा उपयुक्त संस्थाओं के प्रस्तावों को त्वरित परीक्षणोपरान्त अनुदान की स्वीकृति के लिये शासन को प्रस्तावित किया गया। स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से मद्यपान विरोधी कार्यों का प्रचार-प्रसार कराया गया। साथ ही मद्यपान के विरूद्ध शिक्षाप्रद कार्यों में मद्यनिषेध विभाग को संस्थाओं के साथ परस्पर समन्वय एवं सहयोग स्थापित होने के कारण उनका समुचित सहयोग भी विभाग को प्राप्त हुआ।
उ0प्र0 राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों पर बस पैनल्स तथा लखनऊ जनपद में ट्री गार्ड्स के माध्यम से मद्यपान के दुष्परिणामों को उजागर करते हुये चित्रमय स्लोगन्स प्रदर्शित कराये गये।
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