संदेश

डायरी बनाये

शराब कब और कितनी मात्रा में लेते हैं, लिखें|

विचार करें

आपके लिए आपका परिवार, बच्चे, कैरियर और स्वास्थ्य कितना अहमियत रखता है, आपके मद्यपान करने से इन चीजों पर कितना असर हो रहा है |

भविष्य पर असर

मद्यपान छोड़ने से आपको क्या फायदे और नुकसान होंगे एवं यदि आप मद्यपान जारी रखते है, तो आप के भविष्य पर क्या असर होगा, इस पर गंभीरता से विचार करें|

पॉजिटिव रहें

अपने आपको खेलकूद, किताबें पढ़ना, फिल्में देखना एवं गाना सुनने जैसी गतिविधियों में व्यस्त रखें, अकेले ना रहें |

उद्धरण

ऐसा मित्र किस काम का जो दोस्ती कराये मौत से अर्थात् मद्यपान से।

जो डूबे इन गिलासों में न उबरे जिन्दगानी में, हजारों बह गये इन बन्द बोतलों के पानी में।

हमें शत्रु की अपेक्षा मदिरा से अधिक डरना चाहिये| - नेपोलियन बोनापार्ट

मद्यपान की प्रवृत्ति के निदान के लिये, स्वयं के जीवन को अमूल्य समझते हुये, समाज में शर्मिंदगी महसूस करने से बचने के लिये इससे छुटकारा पाना अत्यन्त आवयश्क है|

शराब पीने की आदत भविष्य में कई रोगों का कारण बन सकती है। शराब यकृत (लीवर) से सम्बन्धित बीमारियों हेपेटाइटिस व सिरोसिस का एक बड़ा उदाहरण है।

जो व्यक्ति अपनी माँ, बहन व बेटी को एक भी बुरा शब्द मुँह से नहीं निकाल सकता वही व्यक्ति शराब पीकर माँ, बहन व बेटी का ख्याल नहीं रख पाता|

यदि कोई शासक शराबी है तो जान लो कि उसका राज्य अवश्य बर्बाद हो जायेगा - गुरू गोविन्द सिंह

जो शराब का सेवन करते हैं उसके सब पुण्य नष्ट हो जाते हैं - गुरूनानक

आदमी वो नहीं जिसे हालात बदल दे, आदमी वो है जो हालात बदल दे।

दलित जातियों तथा पिछडे वर्गों को सामाजिक न्याय तथा आर्थिक विकास का लाभ तभी मिल सकता है, जब उन्हें मद्यपान से हानि की जानकारी दी जाय तथा यह कार्य राज्य स्तर से भी होना चाहिये| - डा0 बी0आर0 अम्बेडकर

. “दयानन्द व गाँधी जी के सपनों को साकार बनाओं, शराबमुक्त यह देश बनाकर भारत माँ का मान बचाओ“

शराब की दावत-मौत की दावत|

शराब करे घोर विनाश, पूरे घर का सत्यानाश

अपने मस्तिष्क को मद्य से विषयुक्त बनाने की अपेक्षा मेरे लिये इसके कई प्रकार के अच्छे उपयोग हैं, मानव के मस्तिष्क में मद्य डालना ऐसा ही है जैसे इंजन के मुख में रेत झोंक देना - थामस एडिसन

तेरी कश्ती मझधार से निकल जायेगी, निराश न हो हिम्मत न हार, ये तकदीर है किसी भी वक्त बदल जायेगी, निराश न हो, हिम्मत न हार । |

अवगुन कहा शराब को, ज्ञानवंत सुन लेय। मानुष से पछुआ करे, द्रव्य गाँठ को देय।।